| 1. | गुरु पुरुष जाति का, पीतवर्ण आकाश तत्व वाला ग्रह है।
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| 2. | आदमी या व्यक्ति शब्द से सिर्फ पुरुष जाति का ही बोध क्यों होता है।
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| 3. | आदमी या व्यक्ति शब्द से सिर्फ पुरुष जाति का ही बोध क्यों होता है।
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| 4. | मंगल पुरुष जाति का, रक्तवर्ण तथा अग्नि तत्व पित्त प्रकृति का ग्रह है।
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| 5. | मैं था केवल पुरुष जाति का एक मामूली जी व... इसीलिए मेरा नाम नहीं था।
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| 6. | ग्रहों के गुण, धर्म, स्वभाव व दोष सूर्य पुरुष जाति का, रक्तवर्ण तथा पित्त प्रकृति का ग्रह है।
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| 7. | कहते हैं जब धरती का जन्म कुछ ही बर्षो पहले हुआ थातब धरती पर केवल पुरुष जाति का ही आगमन हुआ था.
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| 8. | जिन संज्ञा शब्दों से पुरुष जाति का बोध हो अथवा जो शब्द पुरुष जाति के अंतर्गत माने जाते हैं वे पुल्लिंग हैं।
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| 9. | पीपल पुरुष जाति का हो तो पुराना होने पर इसकी जड़ें नीचे लटक जाती हैं ; इसे इसकी दाढ़ी कहते हैं.
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| 10. | लिंग-जिस चिह्न से यह बोध होता हो कि अमुक शब्द पुरुष जाति का है अथवा स्त्री जाति का वह लिंग कहलाता है।
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